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आजचा सुविचार।
चाहे कोई देखे या न देखे, सूरज तो निकलता ही है।
उगने से पहले सूर्य न तो अपने प्रशंसकों की ओर देखता है और न ही उनकी प्रतीक्षा करता है।
सूर्य की तरह जीना हमेशा आत्म-आनंद (निज आनंद) में रहना है।
जीवन का अर्थ आनंद और उस आनंद की अभिव्यक्ति है, न कि दूसरों से प्रभावित होना।
एक अभिव्यक्तिवादी बनें, लेकिन अपने सच्चे स्व को सूर्य की तरह अभिव्यक्त करें, अधिक अच्छे के लिए खुद को जलाते रहें।
भीतर जाओ, वह वहीं है।
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