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आजचा सुविचार।
शुद्ध सूर्य के प्रकाश को परिभाषित करना आसान है।
जब बादलों से छनता है, तो यह अपरिभाषित होता है, लेकिन इसकी सुंदरता होती है।
इसे वैज्ञानिक ढंग से समझाने की कोशिश करना, इसके हर रंग को सूक्ष्म रूप से परिभाषित करने की कोशिश करना, इसकी सुंदरता को ही ख़त्म कर देगा।
सूर्य को उसकी सभी अभिव्यक्तियों में देखें – आकाश, बादल, रंग, आदि।
समाधि की अवस्था में शुद्ध चेतना को परिभाषित करना आसान है, लेकिन जब यह संसार के बादलों से छनकर आपके पास आती है, तो यह अपरिभाषित हो जाती है।
जीवन को सूक्ष्म रूप से प्रबंधित करने का प्रयास न करें।
जीवन का विश्लेषण मत करो.
उसे सभी में देखें, और तभी इसकी सुंदरता सामने आएगी।