नदी इसके माध्यम से बहती है.

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नदी इसके माध्यम से बहती है.

नदी इसके माध्यम से बहती है.

नदी इसके बीच से बहती है… 1.

बारिश और सूखी धरती एक दूसरे में सुकून पाते हैं।

सूरज और फूल एक दूसरे को पाते हैं।

माँ और बच्चा एक दूसरे में पूर्णता पाते हैं।

दिन और रात एक दूसरे के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं।

भोजन और भूख एक दूसरे के लिए तरसते हैं।

नर और मादा एक दूसरे के लिए तरसते हैं।

प्रश्न है क्यों?

नदी इसके बीच से बहती है…2.

बारिश तब तक बारिश नहीं होती जब तक वह सूखी धरती को भिगो न दे।

बारिश और सूखी धरती एक दूसरे को संतुलित करते हैं।

सूरज लाखों मील दूर फूल उगाने में अपनी पूर्णता पाता है।
सूरज और फूल एक दूसरे को संतुलित करते हैं।

माँ और बच्चा एक दूसरे में आनंद पाते हैं।
माँ और बच्चा एक दूसरे को संतुलित करते हैं।

दिन रात के कारण वैध है और रात दिन के कारण।
दिन और रात एक दूसरे को संतुलित करते हैं।

भोजन तब तक भोजन नहीं है जब तक वह भूख को संतुष्ट न करे।
भोजन और भूख एक दूसरे को पाते हैं।

नर और मादा एक दूसरे में संतुष्टि पाते हैं।
नर और मादा एक संतुलन के दो छोर हैं।

सभी रूप एक दूसरे के साथ संतुलन में हैं।

क्यों?

निराकारता की नदी युगों से उन सभी को बांधकर बह रही है।

कविता

 

Apr 06,2025

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